एक प्रेरणादायक कविता - बेटी की पुकार ( पर जन्म से पहले न देना मार ) | Gyansagar ( ज्ञानसागर )
बेटी की पुकार ( पर जन्म से पहले न देना मार ) जो देते हो औरों को प्यार छीन ना लेना, मुझसे मेरा अधिक…
बेटी की पुकार ( पर जन्म से पहले न देना मार ) जो देते हो औरों को प्यार छीन ना लेना, मुझसे मेरा अधिक…
प्रस्तुत कविता रौशनी कुमारी द्वारा रचित है जो ( खोड़ा ) गाजियाबाद क्षेत्र की निवासी है व् राजकीय…
जिंदगी से यूँ मायूस न हो ख़ुशी का कोई किनारा तो होगा !! इस दुःख से भरी कश्ती में उस रब ने तुझे यूँ …